
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने सोशल मीडिया पर एलान किया कि “प्रभु श्री रामलला सरकार के सभी भक्तों को अत्यंत हर्ष के साथ सूचित किया जाता है कि मंदिर निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है।”
मतलब अब भगवान को भी मिल गया उनका स्थायी पता — “रामलला निवास, अयोध्या-224123”।
‘Construction Completed’, भक्तों ने कहा – “अब पूजा में डस्ट नहीं उड़ती!”
मुख्य मंदिर के अलावा, परिसर में महादेव, गणेश जी, हनुमान जी, सूर्यदेव, मां भगवती, मां अन्नपूर्णा के छह मंदिर और शेषावतार मंदिर का निर्माण भी पूरा हो गया है।
ध्वजा, कलश सब लग चुके हैं — यानी आधिकारिक तौर पर अब भगवान भी कह सकते हैं, “हमारा इंटरियर फाइनल है।”
GMR और L&T का डबल धमाका – मंदिर में अब हरियाली और हाईवे दोनों
एलएंडटी (L&T) ने पत्थर की फर्शिंग और सड़कों का काम पूरा कर दिया है, जबकि जीएमआर (GMR) 10 एकड़ में हरियाली और पंचवटी तैयार कर रहा है।
अंदर से दिव्य, बाहर से ड्रोन-व्यू रेडी — भक्त बोले, “इंस्टाग्राम पर रामलला के फॉलोअर्स अब करोड़ों में जाएंगे!”
सात ऋषियों के मंडप और तुलसीदास जी का मंदिर भी तैयार
सात मंडप — ऋषि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, निषादराज, शबरी और देवी अहिल्या को समर्पित — भी अब जनता दर्शन के लिए तैयार हैं।
संत तुलसीदास मंदिर, जटायु और गिलहरी की मूर्तियाँ भी स्थापित हैं। अब भक्ति के साथ-साथ सेल्फी का भी माहौल बनेगा।

बस ये काम बाकी है — चारदीवारी और ट्रस्ट का ऑफिस
ट्रस्ट ने बताया कि अब सिर्फ 3.5 किलोमीटर लंबी चारदीवारी, ऑफिस, गेस्ट हाउस और ऑडिटोरियम का काम बचा है।
यानि रामलला का घर बन गया, अब पड़ोसी और मैनेजर का घर बाकी है।
रामलला का सपना साकार, भक्तों की तपस्या सफल — और ठेकेदार की बिलिंग क्लियर। अब सवाल ये है कि उद्घाटन का अगला चरण कौन करेगा — देवताओं का गठबंधन या भक्तों की यूनियन?
